
साल 2025...कुछ चेहरे, कुछ नाम और कुछ वारदातें ऐसी रहीं जिन्होंने इंसाफ, रिश्तों और इंसानियत पर सवाल खड़े कर दिए. कहीं बेटी को गोली लगी, कहीं हनीमून मौत में बदला, तो कहीं मोहब्बत के नाम पर साजिश...ये सिर्फ क्राइम नहीं थे, ये ऐसे जख्म थे जो देश की रूह पर लगे.
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