
Nawada Mob Lynching: नवादा में धर्म पूछकर की गई मॉब लिंचिंग में 35 वर्षीय अतहर हुसैन की इलाज के दौरान मौत हो गई. इस घटना में 4 आरोपी गिरफ्तार किए है, परिजनों ने कड़ी कार्रवाई और न्याय की मांग की है.
बिहार के नवादा जिले के रोह थाना क्षेत्र में मॉब लिंचिंग में घायल मोहम्मद अतहर हुसैन की शुक्रवार देर रात बिहारशरीफ सदर अस्पताल में मौत हो गई. अब उसकी मौत को लेकर मृतक अतहर हुसैन की पत्नी शबनम प्रवीण अपने बच्चों के साथ न्याय की गुहार लगा रही हैं. उन्होंने कहा कि मेरे शौहर को सिर्फ इसलिए मार डाला गया क्योंकि उनका धर्म अलग था. पैंट खोलकर धर्म देखा गया, हाथ तोड़ दिए गए, कान काट दिए गए, करंट लगाया गया और बेरहमी से पीटा गया. हमें न प्रशासन का साथ मिला और न ही इंसाफ मिला है, हमें न्याय चाहिए.
शबनम प्रवीण ने बताया कि उन्होंने 6 दिसंबर की रात करीब 8 बजे रोह थाना में एफआईआर दर्ज कराई थी. उनका आरोप है कि इससे पहले अतहर हुसैन पर चोरी का झूठा आरोप लगाकर 6 दिसंबर की सुबह 10 बजे एक अलग एफआईआर दर्ज कर दी गई. शबनम का कहना है कि उनके पति को जानबूझकर अपराधी दिखाने की कोशिश की गई, जबकि सच्चाई यह है कि उन्हें नाम और धर्म पूछकर निशाना बनाया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के बाद प्रशासन की ओर से उन्हें कोई ठोस सहयोग नहीं मिला.
5 दिसंबर को पति के साथ हुआ था हादसा- शबनम
शबनम प्रवीण के अनुसार, 5 दिसंबर को पति अतहर हुसैन डुमरी गांव से लौट रहे थे, तभी भट्टा गांव के पास 6 से 7 नशे में धुत युवकों ने उन्हें रोक लिया. पहले घर का पता पूछा गया, फिर नाम. जैसे ही उन्होंने अपना नाम मोहम्मद अतहर हुसैन बताया, भीड़ उग्र हो गई. उन्हें जबरन साइकिल से उतार लिया गया, पैसे लूटे गए और हाथ-पैर बांधकर एक कमरे में घसीट ले जाया गया.
अमानवीय यातना और धर्म के नाम पर हिंसा
परिजनों का आरोप है कि कमरे में अतहर के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दी गईं. पैंट खोलकर धर्म की जांच की गई, निजी अंगों पर पेट्रोल डालकर जलाने की कोशिश हुई. इसके अलावा गर्म लोहे की रॉड से शरीर दागा गया, उंगलियां तोड़ी गईं, कान काट दिए गए और प्राइवेट पार्ट में करंट लगाया गया. छोटे भाई मोहम्मद चांद ने सवाल उठाया कि क्या बिहार में मुसलमानों को रहने का अधिकार नहीं है. क्या सिर्फ धर्म देखकर ही कार्रवाई होती है.
मौत से पहले अतहर ने दर्ज कराया बयान
पत्नी शबनम ने बताया कि 7 दिसंबर को नवादा सदर अस्पताल में इलाज के दौरान अतहर हुसैन ने एबीपी संवाददाता को कांपती आवाज में पूरी आपबीती सुनाई थी. उन्होंने कहा था कि पुलिस ने उन्हें बचाया और इलाज कराया, लेकिन जख्म इतने गहरे थे कि शरीर साथ नहीं दे रहा था. 12 दिसंबर की रात बिहार शरीफ सदर अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. पोस्टमॉर्टम नालंदा सदर अस्पताल में फॉरेंसिक टीम और मजिस्ट्रेट की निगरानी में हुआ.
परिजनों ने पुलिस से की कार्रवाई की मांग
इस घटना को लेकर रोह थाना प्रभारी रंजन कुमार के मुताबिक इस मामले में चार आरोपी सोनू कुमार, रंजन कुमार, सचिन कुमार और श्री कुमार को गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है. हालांकि, परिजन इस कार्रवाई को नाकाफी बता रहे हैं. बेटे इस्तेखार हुसैन ने झुकी नजरों से कहा कि हमें सरकार और प्रशासन से सिर्फ न्याय चाहिए. यह मामला नवादा में बढ़ती मोब लिंचिंग की घटनाओं पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े करता है.
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