
बांग्लादेश में शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद हिंसा बढ़ी. पूर्व मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी ने सनातन अल्पसंख्यकों पर हमले और जिहादी भीड़ की साजिश का आरोप लगाया.
बांग्लादेश में पिछले वर्ष जुलाई में हुए विद्रोह के प्रमुख नेताओं में से एक शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन और हिंसा की घटनाएं हुईं, जिससे देशभर में तनाव व्याप्त हो गया. हालांकि शुक्रवार (19 दिसंबर 2025) की सुबह किसी हिंसक घटना की जानकारी नहीं मिली. इससे पूर्व प्रदर्शनकारियों ने पहले ही ध्वस्त हो चुके, बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के आवास 32 धानमंडी पर तोड़फोड़ की. इसके अलावा एक हिंदू व्यक्ति की मौत भी हो गई.
इस गंभीर मुद्दे पर बांग्लादेश सरकार के पूर्व मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी रिएक्शन सामने आया है. उन्होंने कहा, 'पूरे देश में सनातन माइनॉरिटी पर हमला हो रहा है, उनको निशाना बनाया जा रहा है. बांग्लादेश में पाकिस्तान स्टाईल में हिंसा हो रही है, आर्मी सब कुछ कर रही है. जिहादी मानसिकता की भीड़ ने यह हमला किया है.'
मोहिबुल हसन चौधरी ने आगे कहा कि बांग्लादेश में आम चुनाव में देरी हो रहा है. इस घटना की जांच होनी चाहिए. जिहादी मानसिकता के लोग काम कर रहे है. मीडिया हाउस पर भी हमला हुआ. जिहादी हमला था, जिहादी भीड थी. यह घटना पूरी तरह से सोची समझी साजिश का नतीजा है क्योंकी बांग्लादेश में चुनाव है. चुनाव सही तरीके से नहीं होगा.
न्यूज कंपनी पर हमला
NCP के एक प्रमुख नेता सरजिस आलम ने कहा, “जब तक भारत हादी पर हमला करने वाले को लौटा नहीं देता तब तक अंतरिम सरकार को बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग बंद कर देना होगा. अभी नहीं तो कभी नहीं. हम युद्ध की स्थिति में हैं.” ढाका में, प्रदर्शनकारियों ने एक प्रमुख सांस्कृतिक समूह छाया नाट के कार्यालय पर हमला किया और फर्नीचर बाहर निकाल कर आग लगा दी. देश के अन्य हिस्सों से भी हिंसा की खबरें हैं. प्रदर्शनकारियों का हिस्सा माने जा रहे एक समूह ने राजधानी के कारवां बाजार में बांग्ला समाचारपत्र प्रथम आलो और पास स्थित डेली स्टार के कार्यालयों पर हमला किया.
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