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Bihar Assembly Election 2025 C Voter Survey Reveals Public Mood Tejashwi Yadav Prashant Kishor Nitish Kumar Chirag Paswan Samrat Chaudhary Cm Post

Bihar Assembly Election 2025 C Voter Survey Reveals Public Mood Tejashwi Yadav Prashant Kishor Nitish Kumar Chirag Paswan Samrat Chaudhary Cm Post

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Bihar C-Voter Survey: सी-वोटर के ताजा सर्वे में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर जनता का मूड सामने आया है. तेजस्वी यादव बने हैं जनता की पहली पसंद, जबकि प्रशांत किशोर तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों के ऐलान के बाद राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. सी-वोटर का सर्वे सामने आने के साथ ही राजनीतिक समीकरणों में नया मोड़ आ गया है. इस सर्वे में जनता से पूछा गया कि किस गठबंधन को बढ़त मिल रही है, मुख्यमंत्री के तौर पर कौन सबसे लोकप्रिय है और क्या राहुल गांधी की यात्रा का असर दिखाई दे रहा है.

सी-वोटर सर्वे के अनुसार एनडीए (भाजपा + जदयू) को 40.2% समर्थन मिल रहा है, जबकि महागठबंधन (राजद + कांग्रेस) को 38.3% वोट मिलने का अनुमान है. प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को 13.3% लोगों का समर्थन मिला है, जबकि 8.2% लोग किसी स्पष्ट राय में नहीं हैं. एनडीए और महागठबंधन के बीच सिर्फ दो प्रतिशत का अंतर दिख रहा है. ऐसे में जन सुराज पार्टी का 13 प्रतिशत वोट बड़ा फैक्टर बन सकता है. अगर प्रशांत किशोर की पार्टी कुछ सीटें जीतने में सफल होती है, तो वह चुनाव में ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभा सकती है.

राहुल गांधी की यात्रा का असर

सर्वे के मुताबिक बिहार के 51 प्रतिशत लोग मानते हैं कि राहुल गांधी की ‘वोट अधिकार यात्रा’ से महागठबंधन को फायदा होगा. वहीं 32.8 प्रतिशत का कहना है कि इस यात्रा से कोई असर नहीं पड़ेगा. शेष 16.2 प्रतिशत ने स्पष्ट राय नहीं दी. यह आंकड़ा दिखाता है कि राहुल गांधी की यात्रा ने तेजस्वी यादव के पक्ष में माहौल बनाने में मदद की है. इससे महागठबंधन के समर्थकों में उत्साह बढ़ा है.

मुख्यमंत्री पद के लिए जनता की पसंद

सी-वोटर सर्वे के मुताबिक तेजस्वी यादव अब भी जनता की पहली पसंद बने हुए हैं. अक्टूबर 2025 के आंकड़ों में उन्हें 36.2 प्रतिशत समर्थन मिला है. जून में उनका समर्थन 34.9 प्रतिशत और फरवरी में 40.6 प्रतिशत था.जदयू नेता नीतीश कुमार की लोकप्रियता लगातार घट रही है. इस बार उन्हें 15.9 प्रतिशत समर्थन मिला है. वहीं प्रशांत किशोर तेजी से उभर रहे हैं और अब 23.2 प्रतिशत लोगों की पसंद बन गए हैं. चिराग पासवान को 8.8 प्रतिशत और भाजपा के सम्राट चौधरी को 7.8 प्रतिशत समर्थन मिला है.

जन सुराज पार्टी की बढ़ती रफ्तार

प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को 13 प्रतिशत समर्थन मिला है, जो किसी नई पार्टी के लिए काफी बड़ा आंकड़ा है. उन्होंने अब तक 51 उम्मीदवारों की सूची जारी की है और कहा है कि उनकी पार्टी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. युवाओं और पहली बार वोट डालने वालों के बीच प्रशांत किशोर की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है. यह रुझान बताता है कि बिहार में तीसरा मोर्चा मजबूती से खड़ा हो रहा है.

SIR विवाद और राजनीतिक प्रभाव

SIR (स्पेशल वोटर रिवीजन) को लेकर जनता की राय बंटी हुई है. लगभग 46 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इस प्रक्रिया से एनडीए को सीधा फायदा होगा, जबकि 21.7 प्रतिशत ने कहा कि इससे महागठबंधन को लाभ मिल सकता है. विपक्ष ने आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया में करीब 65 लाख नाम हटाए गए और सिर्फ 21 हजार नए जोड़े गए. जनता का बड़ा हिस्सा इसे प्रशासनिक पक्षपात मान रहा है, जिससे विपक्ष को नुकसान होने की आशंका है.

तीन मोर्चों में बंटा बिहार चुनाव 2025

अब बिहार में मुकाबला सिर्फ एनडीए और महागठबंधन के बीच नहीं रह गया है. जन सुराज के उभार ने इसे त्रिकोणीय बना दिया है. तेजस्वी यादव अपनी लोकप्रियता बनाए हुए हैं, नीतीश कुमार का ग्राफ गिर रहा है और प्रशांत किशोर नई राजनीतिक ताकत के रूप में सामने आ रहे हैं. अगर मौजूदा रुझान चुनाव तक बने रहे तो बिहार में तीन मोर्चों का मुकाबला तय माना जा सकता है. इस स्थिति में जन सुराज पार्टी ‘किंगमेकर’ साबित हो सकती है.

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