कोर्ट ने बच्ची की कस्टडी मां को दी और कहा कि पिता और उसका परिवार पहले तीन महीनों तक निगरानी में बच्ची से मिल सकता है. उसके बाद हर महीने के पहले रविवार को बच्ची सुबह से शाम तक पिता के पास रह सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (22 जुलाई, 2025) को भारतीय पुलिस सेवा (IPS) की एक महिला अधिकारी को निर्देश दिया कि वह अपने पति और ससुर से माफी मांगे, जिन पर उसने केस किया है और वे जेल में बैठ हैं. कोर्ट ने आईपीएस पत्नी को सख्त लहजे में यह भी निर्देश दिया है कि वह अपने पद और पावर का इस्तेमाल पति के खिलाफ नहीं करेंगी. कोर्ट ने माफीनाम को प्रतिष्ठित अंग्रेजी और हिंदी डेली न्यूजपेपर में पब्लिश करने का निर्देश दिया है.
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार आईपीएस अधिकारी 2018 से पति से अलग रह रही थीं. कोर्ट ने अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए अलग रह रहे पति-पत्नी को शादी खत्म करने की अनुमति दी और एक-दूसरे के खिलाफ दायर कई दीवानी और आपराधिक मामलों को भी रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस फैसले को भी रद्द कर दिया, जिसमें पति को हर महीने महिला को 1.5 लाख रुपये गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया गया था.
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