लोकेश को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया जहां से अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया. परिजनों ने अदालत में जमानत याचिका दायर कर दी, लेकिन लोकेश को तुरंत जमानत नहीं मिल सकी और 3 जुलाई को जमानत याचिका स्वीकार हो गई. देरी से जमानत याचिका स्वीकार होने के कारण लोकेश की रिहाई के आदेश जेल प्रशासन तक नहीं पहुंच पाए.
गुरुग्राम:चेक बाउसिंग मामले में अदालत से भगौड़ा घोषित एक आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजना पुलिस को भारी पड़ गया. आरोपी की जेल में तबीयब बिगड़ने से मौत हो गई. शव को आज दोपहर को सिविल अस्पताल पहुंचाया गया. वहीं, परिजनों द्वारा अदालत में दायर की गई जमानत याचिका को भी अदालत ने स्वीकार कर लिया था और आज मृतक को गुरुग्राम की भोंडसी जेल से बाहर आना था. वहीं, परिजनों ने पुलिस और जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं. परिजनों का कहना है कि पुलिस शव को सिविल अस्पताल में छोड़ गई और इसकी जानकारी परिजनों को भी नहीं दी.
चैक बाउंसिंग का केस था
जानकारी के मुताबिक, घामडौज के रहने वाले 47 वर्षीय लोकेश पर साल 2025 से चैक बाउंसिंग का केस चल रहा था. इस मामले में वह अदालत में पेश नहीं हुए जिसके कारण अदालत ने लोकेश को भगौड़ा घोषित कर दिया था. बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले लोकेश को पीओ स्टाफ द्वारा उनके घर से गिरफ्तार किया गया. परिजनों का आरोप है कि उन्होंने पुलिस के पीओ स्टाफ से आग्रह किया था कि लोकेश की हालत बेहद खराब है, ऐसे में उन्हें रियायत दी जाए, लेकिन पुलिस ने एक न सुनी.
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