प्रतीक ने कहा कि, "पूरी ज़िंदगी, अजीब तरह से, मैं इस पहचान के साथ संघर्ष करता रहा कि मैं कौन हूं और मैं किसका हूं, और आखिरकार मुझे एहसास हुआ कि मैं कौन हूं, और मैं अपनी मां का हूं, और मैं पूरा महसूस करता हूं अब मैं पूरा हो गया हूं. मैं प्रतीक स्मिता पाटिल हूं.
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