
Ishaq Dar on Ceasefire: पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने ऐसा बयान दिया है, जोकि डोनाल्ड ट्रंप को पसंद नहीं आएगा. उन्होंने भारत-पाक संघर्ष के दौरान सीजफायर को लेकर सच कबूल कर लिया है.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का क्रेडिट कई बार ले चुके हैं. उन्होंने अलग-अलग मंचों से अनेकों बार कहा कि मैंने कई युद्ध रुकवाए, जिनमें भारत-पाकिस्तान का युद्ध भी शामिल है. हालांकि भारत ने मध्यस्थता की बात को हमेशा ही खारिज किया है.ऑपरेशन सिंदूर के करीब सात महीने बाद पाकिस्तान के डिप्टी प्रधानमंत्री इशाक डार ने आखिरकार सच कबूल लिया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने किसी से मध्यस्थता के लिए नहीं कहा था.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार अपने बड़बोलेपन के लिए भी जाने जाते हैं. वो जब-तब ऐसे बयान देते हैं जिससे मुल्क के साथ अपनी भी फजीहत कराते रहते हैं. उनकी सैन्य उपलब्धि का पैमाना भारत के इर्द-गिर्द ही घूमता है. शनिवार को उन्होंने फिर ऐसा ही एक बयान दिया. भारत-पाक संघर्ष को लेकर अपनी पीठ थपथपाई, साथ ही वो कह दिया जिस पर पहले भी निशाने पर आ चुके हैं.
हमने किसी से मध्यस्थता के लिए नहीं कहा था: इशाक डार
डॉन अखबार के मुताबिक, इस्लामाबाद में मीडिया से बात करते हुए इशाक डार ने दोहराया, 'हमने किसी से मध्यस्थता करने के लिए नहीं कहा था.' ये पहली बार नहीं है, जब डार दुविधा से भरा बयान दे रहे हों. इशाक डार ने अगस्त महीने में कहा था कि पाकिस्तान को इतना नुकसान पहुंच चुका था कि उन्होंने हथियार छोड़ संघर्ष विराम को अहमियत दी.
पाकिस्तान ने खुद की सीजफायर की मांग: इशाक डार
डार ने कहा था, 'इस्लामाबाद ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के साथ युद्धविराम में मध्यस्थता के लिए अमेरिका या किसी तीसरे पक्ष से कभी अनुरोध नहीं किया. भारतीय हमले में नुकसान झेलने के बाद पाकिस्तान ने खुद सीजफायर की मांग की थी.'
सितंबर में इशाक डार ने क्या बयान दिया था?
इसके बाद सितंबर में डार ने एक कार्यक्रम में सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि भारत कभी भी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए सहमत नहीं हुआ था.
डार ने खुलासा किया कि जब पाकिस्तान ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के बारे में पूछा तो रुबियो ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत हमेशा से कहता रहा है कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है. दावा किया कि 10 मई को सुबह 8:17 बजे अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो ने उन्हें बताया था कि बहुत जल्द भारत और पाकिस्तान के बीच एक स्वतंत्र स्थान पर वार्ता होगी, लेकिन बाद में 25 जुलाई को रुबियो ने कहा कि भारत ने इसे केवल द्विपक्षीय मामला बताते हुए तीसरे पक्ष की किसी भी भूमिका से इनकार कर दिया है.
शनिवार को दिए अपने बयान में उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ बातचीत का जिक्र किया. पहले कहा कि मध्यस्थता को नहीं कहा, फिर कुछ देर बाद बोले, 'सुबह करीब 8:17 बजे, मुझे यूएसए के सेक्रेटरी रुबियो का फोन आया कि भारत सीजफायर के लिए तैयार है, क्या आप तैयार हैं?' मैंने कहा, 'हम कभी युद्ध में नहीं जाना चाहते थे.'
भारत ने PAK को पहुंचाया था भारी नुकसान
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सुरक्षाबलों ने ऑपेरशन सिंदूर लॉन्च किया था, जिसके जवाब में पाकिस्तान ने सैन्य संघर्ष शुरू किया तो भारतीय सेनाओं ने उसका मुंहतोड़ जवाब दिया. इस दौरान पाकिस्तान को काफी नुकसान पहुंचा. नूर खान, रहीम यार खान, मुरीदके, भोलारी और सरगोधा जैसे एयरबेस भी तबाह हो गए थे. इसके अलावा पाकिस्तानी वायुसेना का एयरबोर्न अर्ली वार्निंग या इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म को भी भारतीय मिसाइलों ने ढेर कर दिया.
0 Comments