
शरीफ उस्मान हादी की सिंगापुर में मौत के बाद बांग्लादेश में बवाल मचा हुआ है. इस बीच इंकलाब मंच ने शाहबाग में अनिश्चितकालीन धरने और देश ठप करने की चेतावनी दे डाली है.
बांग्लादेश की राजनीति इन दिनों बेहद संवेदनशील दौर से गुजर रही है. इस बीच जुलाई में हुए विद्रोह के प्रमुख नेता शरीफ उस्मान हादी की सिंगापुर में मौत ने हालात को और गंभीर बना दिया है. हादी के निधन की खबर सामने आते ही राजधानी ढाका समेत कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं. सड़कों पर उतरी भीड़, आगजनी और टकराव की घटनाओं ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. हादी इंकलाब मंच का संयोजक था और छात्र आंदोलन से निकलकर राष्ट्रीय राजनीति में तेजी से उभर रहा था. उसकी मौत को लेकर समर्थकों में गुस्सा और शोक दोनों साफ तौर पर देखा जा रहा है.
हादी के निधन से पहले ही इंकलाब मंच ने सरकार को सख्त चेतावनी दी थी. संगठन ने फेसबुक पर जारी बयान में कहा कि जब तक हादी पर गोली चलाने वाले हमलावरों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक शाहबाग चौराहे पर अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा. मंच ने साफ कर दिया कि उनकी मांगें पूरी न होने पर आंदोलन को पूरे देश में फैलाया जाएगा. संगठन के अनुसार, यह लड़ाई केवल एक नेता के लिए नहीं, बल्कि देश की संप्रभुता और न्याय व्यवस्था की रक्षा के लिए है. बयान में यह भी कहा गया कि अगर हादी की मौत होती है तो आंदोलन और तेज किया जाएगा.
हमलावर भारत भागे तो सरकार करे बातचीत
इंकलाब मंच ने एक और बड़ा दावा करते हुए कहा कि अगर हादी पर हमला करने वाले आरोपी भारत भाग गए हैं तो बांग्लादेश सरकार को भारतीय अधिकारियों से तत्काल बातचीत कर उनकी वापसी सुनिश्चित करनी चाहिए. इस बयान के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों को लेकर भी राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं. संगठन का कहना है कि यह मामला केवल कानून व्यवस्था का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है.
हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा
सिंगापुर से हादी के निधन की पुष्टि होते ही हालात तेजी से बिगड़ गए. ढाका में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और कई जगहों पर हिंसा की घटनाएं सामने आईं. कम से कम दो अखबारों के दफ्तरों में आग लगा दी गई, जबकि कई इलाकों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है. स्थिति को काबू में रखने के लिए सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और राजधानी में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है.
दिनदहाड़े हुआ था हमला, सिर में मारी गई गोली
12 दिसंबर को ढाका के पलटन इलाके में शरीफ उस्मान हादी पर हमला किया गया था. वह जुमे की नमाज के बाद रिक्शे से लौट रहा था, तभी बाइक सवार हमलावरों ने उसके सिर में गोली मार दी. गंभीर रूप से घायल हादी को पहले ढाका के एवरकेयर अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में बेहतर इलाज के लिए सिंगापुर एयरलिफ्ट किया गया. सिंगापुर जनरल अस्पताल में छह दिनों तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद 18 दिसंबर की रात उसकी मौत हो गई.
इंकलाब मंच ने हादी को बताया शहीद
हादी की मौत की पुष्टि करते हुए इंकलाब मंच ने उसे शहीद करार दिया है. संगठन और समर्थकों के लिए हादी सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि जुलाई विद्रोह का चेहरा और प्रतीक माना जाता था.
मोहम्मद यूनुस की प्रतिक्रिया और राष्ट्रीय शोक
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने हादी की मौत पर गहरा दुख जताया है. सरकार ने एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है और हत्या की निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है. यूनुस ने दोषियों को सजा दिलाने का आश्वासन देते हुए नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील भी की है.
कौन था शरीफ उस्मान हादी
शरीफ उस्मान हादी जुलाई 2024 के छात्र-नेतृत्व वाले विद्रोह के प्रमुख नेताओं में शामिल था. इसी आंदोलन के बाद शेख हसीना की सरकार सत्ता से बाहर हुई थी. हादी आगामी संसदीय चुनाव में ढाका-8 सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर तैयारी कर रहा था. वह भारत विरोधी और शेख हसीना विरोधी बयानों के लिए जाने जाता था.
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