
सुप्रीम कोर्ट ने एमिकस क्यूरी को सभी राज्यों के जवाब से संक्षिप्त नोट बनाकर बुधवार तक उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया है और 7 नवंबर को कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुनाएगा.
आवारा कुत्तों के मामले में सोमवार (3 नवंबर, 2025) को सभी राज्यों के मुख्य सचिव सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि सभी राज्य हलफनामा दाखिल कर चुके हैं, जिस पर सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने सवाल उठाए कि इनमें बहुत सी महत्वपूर्ण चीजों के बारे में नहीं बताया गया है. 27 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामा दाखिल नहीं किए जाने पर राज्यों को फटकार लगाते हुए उनके मुख्य सचिवों को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था.
जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच सुनवाई कर रही थी. अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में कहा कि हलफमानों में कई सारे महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में नहीं बताया गया है. जैसे इस मामले से निपटने के लिए राज्यों का क्या बजट है, कितने कुत्तों को स्टेरलाइज किया गया, कितने एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) सेंटर बनाए गए. उन्होंने सुझाव दिया कि एक चार्ट बनाया जाना चाहिए, जिसके हिसाब से राज्य अपना जवाब दर्ज करेंगे.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस विक्रम नाथ ने भी एडवोकेट सिंघवी की सलाह पर सहमति जताई और कहा कि हमें चेकलिस्ट बनानी चाहिए. उन्होंने कहा, 'हम आज एक-एक मामले को नहीं सुनेंगे. आज हमने सिर्फ अनुपालन के लिए सभी राज्यों के मामलों को सूचीबद्ध किया है. कुछ दिनों में हम इन्हें देखेंगे और आदेश जारी करेंगे. अभी देखते हैं कि राज्यों का इस स्टेज पर क्या कहना है.'
सभी राज्यों के मुख्य सचिव व्यक्तिगत रूप से सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित हुए. कोर्ट को बताया गया कि सभी राज्यों ने हलफनामा दाखिल कर दिया है. कोर्ट ने पूछा कि किस राज्य के चीफ सेक्रेट्री नहीं आए हैं. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि मध्य प्रदेश के चीफ सेक्रेट्री दिल्ली पहुंच गए हैं, लेकिन वह ट्रैफिक में हैं. उन्होंने कहा कि एमपी के चीफ सेक्रेटरी की पहले फ्लाइट कुछ लेट हो गई. अब ट्रैफिक के चलते एयरपोर्ट से आने में समय लग रहा है.
कोर्ट ने पूछा कि क्या मध्य प्रदेश का हलफनामा दाखिल हो गया है. जवाब हां में मिलने पर कोर्ट ने संतुष्टि जताई. कोर्ट ने एमिकस क्यूरी को सभी राज्यों के जवाब से संक्षिप्त नोट बना कर बुधवार तक उपलब्ध करवाने को कहा है. शुक्रवार, 7 नवंबर को कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुनाएगा.
आगे की सुनवाई में मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत पेशी से छूट दी गई. कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई आगे भी जारी रहेगी. केरल के मुख्य सचिव भी पेश नहीं हुए थे. उनकी जगह प्रधान सचिव आए थे. कोर्ट ने इसे भी स्वीकार कर लिया. सुनवाई पूरी होने के बाद सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि मध्य प्रदेश के चीफ सेक्रेट्री कोर्ट आ गए हैं.
(निपुण सहगल के इनपुट के साथ)
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