
मध्य प्रदेश से सामने आई ये घटना न सिर्फ एक परिवार की पीड़ा को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि ज़मीन के अधिकारों को लेकर आदिवासी समुदायों की लड़ाई आज भी जारी है. रसूखदार लोगों के सामने उन्हें इंसाफ के लिए भी दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती है लेकिन उनकी कोई नहीं सुनता
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