
शिवानंद तिवारी ने कहा कि मैंने तेजस्वी से कहा था कि SIR के खिलाफ राहुल गांधी के साथ सड़क पर उतरो, संघर्ष करो, पुलिस की मार खाओ, जेल जाओ, लेकिन वह तो सपनों की दुनिया में मुख्यमंत्री का शपथ ले रहा था.
बिहार में विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को करारी हार मिली है. पार्टी की इस दुर्गति के लिए तेजस्वी यादव अपने ही परिवार में घिरते नजर आ रहे हैं. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार में अंदरुनी कलह शुरू हो गई है. इस बीच आरजेडी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने सोशल मीडिया में अपनी भड़ास निकाली है.
लालू यादव के करीबी शिवानंद तिवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर पोस्ट कर तेजस्वी यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा कि बिहार आंदोलन के दौरान लालू यादव और मैं फुलवारी शरीफ जेल के एक ही कमरे में बंद थे. लालू यादव उस आंदोलन का बड़ा चेहरा थे, लेकिन उनकी आकांक्षा बहुत छोटी थी. रात में भोजन के बाद सोने के लिए जब हम अपनी-अपनी चौकी पर लेटे थे, तब लालू यादव ने मुझसे अपने भविष्य के सपने को साझा किया था.
शिवानंद तिवारी ने सुनाया जेल का किस्सा
शिवानंद तिवारी ने लिखा, 'लालू ने मुझसे कहा कि बाबा, मैं राम लखन सिंह यादव जैसा नेता बनना चाहता हूं. लगता है कि कभी-कभी ऊपर वाला शायद सुन लेता है. आज दिखाई दे रहा है कि उनकी वह इच्छा पूरी हो गई है. संपूर्ण परिवार ने जोर लगाया और उनकी पार्टी के मात्र 25 विधायक ही जीते.'
तेजस्वी ने मुझे उपाध्यक्ष पद से हटाया: शिवानंद
आरजेडी नेता ने कहा कि मन में यह सवाल उठ सकता है कि मैं तो स्वयं उस पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष था. उसके बाद ऐसी बात मैं क्यों कह रहा हूं? मैं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष था. यह अतीत की बात हो गई. तेजस्वी यादव ने मुझे न सिर्फ उपाध्यक्ष से हटाया, बल्कि कार्यकारिणी में भी जगह नहीं दी. ऐसा क्यों? क्योंकि मैं कह रहा था कि मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण लोकतंत्र के विरुद्ध साजिश है.
SIR के खिलाफ सड़क पर उतरने की दी थी सलाह
उन्होंने आगे कहा कि एसआईआर के खिलाफ राहुल गांधी के साथ सड़क पर उतरो, संघर्ष करो, पुलिस की मार खाओ, जेल जाओ, लेकिन वह तो सपनों की दुनिया में मुख्यमंत्री का शपथ ले रहा था. उसको झकझोर कर उसके सपनों में मैं विघ्न डाल रहा था. लालू यादव धृतराष्ट्र की तरह बेटे के लिए राज सिंहासन को गर्म कर रहे थे. अब मैं मुक्त हो चुका हूं. फुरसत पा चुका हूं. अब कहानियां सुनाता रहूंगा.
0 Comments