
माली में अलकायदा से जुड़े आतंकियों ने 5 भारतीयों का अपहरण किया है. ये सभी बिजली परियोजना में काम कर रहे थे. घटना के बाद बाकी भारतीयों को बमाको शिफ्ट किया गया. फिलहाल जांच जारी है.
पश्चिमी अफ्रीकी देश माली से एक बार फिर चिंताजनक खबर सामने आई है. सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, अलकायदा से जुड़े आतंकियों ने माली के पश्चिमी इलाके कोबरी के पास पांच भारतीय नागरिकों का अपहरण कर लिया है. ये सभी भारतीय एक विद्युतीकरण परियोजना पर काम कर रही निजी कंपनी के कर्मचारी थे.
घटना गुरुवार को उस समय हुई जब सशस्त्र आतंकियों ने उनके वाहन को घेर लिया और सभी को अगवा कर लिया. कंपनी के प्रतिनिधि ने फ्रांस की समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि बाकी भारतीय कर्मचारियों को तुरंत सुरक्षा कारणों से राजधानी बमाको पहुंचा दिया गया है. हालांकि अब तक किसी भी आतंकी संगठन ने इस घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन शक अलकायदा और ISIS से जुड़े नेटवर्क पर जताया जा रहा है.
जुलाई में भी हुआ था भारतीयों का अपहरण
यह पहला मामला नहीं है. जुलाई 2025 में भी तीन भारतीयों का अपहरण किया गया था, जिनमें राजस्थान, ओडिशा और तेलंगाना के नागरिक शामिल थे. उस घटना की जिम्मेदारी अलकायदा से जुड़े संगठन जमात नुसरत अल-इस्लाम वल-मुसलमीन (JNIM) ने ली थी. JNIM पिछले कुछ वर्षों में माली में कई हिंसक हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है.
400 से अधिक भारतीय माली में कर रहे काम
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, करीब 400 भारतीय नागरिक वर्तमान में माली में रहते और काम करते हैं. इनमें से अधिकतर कंस्ट्रक्शन, माइनिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर से जुड़े हैं. लगातार बढ़ते आतंकी हमलों और अपहरण की घटनाओं के कारण अब उनकी सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं.
फिरौती और अपहरण का गढ़ बना माली
माली का साहेल क्षेत्र (जिसमें नाइजर और बुर्किना फासो शामिल हैं) लंबे समय से आतंकी गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है. 2012 में तख्तापलट और सैन्य संघर्षों के बाद से यहां हिंसा लगातार बढ़ रही है. सितंबर 2024 में JNIM के जिहादियों ने दो अमीराती और एक ईरानी नागरिक का अपहरण किया था, जिन्हें बाद में 5 करोड़ डॉलर की फिरौती देकर रिहा कराया गया.
दुनिया का आतंकी केंद्र बनता साहेल
ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स (GTI) के मुताबिक, साहेल क्षेत्र अब दुनिया में आतंकवाद का नया एपिसेंटर बन चुका है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में आतंकवाद से होने वाली आधी से ज्यादा मौतें इसी क्षेत्र में होती हैं.
भारत सरकार की निगरानी
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस घटना पर अभी तक आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, भारतीय दूतावास लगातार स्थानीय प्रशासन के संपर्क में है. अपहृत भारतीयों की सुरक्षित रिहाई के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं.
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