अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के हाई-लेवल डेलिगेशन के काबुल दौरे के वीजा अनुरोध को पक्तिका में हवाई हमलों और हवाई क्षेत्र उल्लंघन का हवाला देते हुए अस्वीकार कर दिया है.
अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के एक उच्च स्तरीय डेलिगेशन के काबुल दौरे के अनुरोध को कई बार अस्वीकार कर दिया है. पिछले तीन दिनों में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ, ISI प्रमुख आसिम मलिक और दो अन्य सीनियर जनरलों ने तीन अलग-अलग वीजा रिक्वेस्ट भेजी थी, लेकिन काबुल ने हर बार इनकार किया.
IEA ने इस फैसले की पीछे क्या बताई वजह?
इस्लामी अमीरात ऑफ अफगानिस्तान (IEA) ने इस फैसले के पीछे मुख्य कारण पाकिस्तान द्वारा हाल ही में अफगान हवाई क्षेत्र का उल्लंघन और पक्तिका प्रांत में नागरिक क्षेत्रों पर हवाई हमलों को बताया. अफगान अधिकारियों ने कहा कि जब उनके नागरिकों पर हमला हो रहा हो, तब किसी भी पाकिस्तानी डेलिगेशन को काबुल आने की अनुमति नहीं दी जा सकती.
पाकिस्तानी डेलिगेशन में कौन-कौन शामिल?
पाकिस्तानी डेलिगेशन में रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ, आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद आसिम मलिक और दो अन्य वरिष्ठ पाकिस्तानी जनरल शामिल थे. सूत्रों के मुताबिक, इन चार सदस्यों ने ही वीजा के लिए आवेदन किया था. हालांकि, अफगानिस्तान ने लगातार इनकार करते हुए साफ संदेश दिया कि अफगानिस्तान पाकिस्तान की शर्तों पर बातचीत नहीं करेगा.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
विश्लेषकों का मानना है कि यह सिर्फ कूटनीतिक अपमान नहीं बल्कि अफगान संप्रभुता की रक्षा और पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई का संकेत है. सीमा पार से होने वाली घटनाओं और आतंकवादियों को पनाह देने के आरोपों के चलते दोनों पड़ोसियों के संबंध पहले ही तनावपूर्ण थे, और अब वीजा अस्वीकृति ने इस तनाव को और बढ़ा दिया है. बता दें कि बीते दिनों देशों के बीच भारी तनाव देखने को मिला है. अफगानी सेना ने दावा किया कि दोनों देशों के बीच तवाव के दौरान पाकिस्तान के 58 सैनिकों की मौत हो गई थी. हालांकि, बाद में दोनों देशों के बीच सीजफायर समझौता हो गया था.
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