जियो पॉलिटिकल एक्सपर्ट इयान ब्रेमर ने सऊदी-पाकिस्तान के बीच हुई डिफेंस डील पर भारत पर असर के बारे में बताया है. उन्होंने कहा कि इस डील के बाद अगर पाक से जंग हुई तो सऊदी उसको सहयोग करेगा.
सऊदी अरब और पाकिस्तान ने हाल ही में एक रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते (Strategic Mutual Defense Agreement) पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते के तहत अगर किसी एक देश पर हमला होता है तो उसे दोनों पर हमला माना जाएगा. मामले पर भू-राजनीतिक विश्लेषक और यूरेशिया समूह के अध्यक्ष इयान ब्रेमर ने इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में कहा, 'यह समझौता भारत के लिए बड़ा बदलाव लाने वाला है. अगर भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा विवाद से कोई सैन्य टकराव होता है तो अब सऊदी अरब पाकिस्तान की रक्षा में सीधे शामिल होगा. यह भारत की सुरक्षा गणना को पूरी तरह बदल देगा.'
ब्रेमर ने कहा कि यह समझौता पाकिस्तान को नई भू-राजनीतिक ताकत और आत्मविश्वास देगा. पाकिस्तान का मुख्य सहयोगी चीन बना रहेगा, जिससे उसे सैन्य और खुफिया समर्थन मिलता है. अब सऊदी अरब की औपचारिक सुरक्षा गारंटी से पाकिस्तान को अतिरिक्त मजबूती मिलेगी. यह समझौता पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम तक विस्तारित हो सकता है, जिसे सऊदी अरब लंबे समय से एक आपातकालीन विकल्प मानता रहा है.
परमाणु सहयोग को लेकर क्या बोले एक्सपर्ट
एक्सपर्ट ने बताया कि सऊदी अरब का पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम में समर्थन कोई रहस्य नहीं है. रियाद कई सालों से पाकिस्तान के प्लूटोनियम कार्यक्रम को वित्तीय मदद देता रहा है. संकट की स्थिति में सऊदी अरब पाकिस्तान की परमाणु क्षमता को अपना आपातकालीन विकल्प मानता रहा है.अब इस सहयोग को औपचारिक रूप दिया गया है.
अमेरिका से निराश होकर रियाद का नया रुख!
ब्रेमर के अनुसार यह समझौता रियाद की अमेरिका पर कम निर्भरता की रणनीति का हिस्सा है. हाल ही में कतर में हुए हमले के बाद सऊदी अरब अमेरिका की शांत प्रतिक्रिया से निराश हुआ. इजरायल पर कोई कार्रवाई न होने से सऊदी अरब को लगा कि उसे अपने नए सुरक्षा साझेदार खोजने होंगे. यही वजह है कि रियाद ने पाकिस्तान के साथ रक्षा गठबंधन को सार्वजनिक किया.
सऊदी-पाक डील पर भारत का रिएक्शन
भारत सरकार ने कहा है कि वह इस समझौते पर कड़ी नजर रखे हुए है. विदेश मंत्रालय ने दोहराया कि भारत और सऊदी अरब की साझेदारी मजबूत बनी हुई है. साथ ही भारत ने साफ किया कि अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
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