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60 Oic And Muslim Countries Summit In Doha Israel Stikes In Qatar Gaza Ceasefire UAE Egypt Pakistan Saudi Arabia Turkey

60 Oic And Muslim Countries Summit In Doha Israel Stikes In Qatar Gaza Ceasefire UAE Egypt Pakistan Saudi Arabia Turkey

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अरब और ओआईसी देशों की बैठक में यूएई, मोरक्को और बहरीन के प्रमुख शामिल नहीं हुए, जबकि इन मुल्कों ने अपने सीनियर रेप्रेजेनटेटिव्स को मीटिंग में भेजा था.

कतर की राजधानी दोहा में सोमवार (15 सितंबर 2025) को 60 मुस्लिम देशों की इमरजेंसी मीटिंग हुई है. बैठक में ऑर्गेनाजेशन ऑफ इस्लामिक कर्पोरेशन (OIC) के सदस्य देश और अरब मुल्क शामिल हुए थे. ओआईसी की यह इमरजेंसी बैठक कतर में इजरायली हमले को लेकर की गई है, जिसमें सभी देशों से अपील की गई कि इजरायल के खिलाफ कानूनी और प्रभावी कदम उठाए जाएं. साथ ही इजरायल के साथ अपने रिश्तों पर भी एक बार फिर से गौर करें.

पाकिस्तानी अखबार द डॉन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले हफ्ते इजरायल ने कतर में हमास के नेताओ को निशाना बनाकर स्ट्राइक की थी. बैठक में कहा गया कि ये अधिकारी गाजा सीजफायर प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे थे, लेकिन इजरायल ने यह हमला करके सभी प्रयासों को विफल कर दिया है इसलिए उसके खिलाफ सख्त कदम उठाया जाना चाहिए. हमास का कहना है कि इजरायल के हमले में छह लोग मारे गए हैं. हालांकि, हमास के टॉप अधिकारी बच गए हैं.

इजरायल के खिलाफ OIC का जॉइंट स्टेटमेंट
ओआईसी देशों ने जॉइंट स्टेटमेंट में अपील की है कि सभी को इजरायल के खिलाफ कानूनी और सख्त कदम उठाने की जरूरत है, साथ ही सभी मुल्कों को उसके साथ अपने डिप्लोमेटिक और आर्थिक रिश्तों पर भी गौर करना चाहिए क्योंकि वह करीब दो साल से फिलिस्तीनी लोगों पर हमले कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र में इजरायल की सदस्यता खत्म करवाने के लिए प्रयास करने की भी इन देशों ने अपील की है. बैठक का मकसद इजरायल पर दबाव बनाना था ताकि गाजा में जारी उसके हमलों पर लगाम लगाई जा सके.

बैठक में 60 देशों के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति शामिल हुए, लेकिन संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मोरक्को ने अपने प्रतिनिधियों को बैठक के लिए भेजा था. इन तीनों देशों ने पांच साल पहले अब्राहम समझौते के तहत इजरायल क मान्यता दी थी. इनके अलावा, उसे मान्यता देने वाले देशों में कतर, मिस्त्र और जॉर्डन भी शामिल हैं.

मुस्लिम देशों ने की इजरायल की यूएन सदस्यता खत्म करने की अपील
कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी ने कहा कि सीजफायर पर बात कर रहे हमास के वार्ताकरों पर हमला करके इजरायल ने साबित कर दिया कि उसका इरादा सीजफायर का नहीं है. अमीर ने अरब देशों को आगाह करते हुए यह भी कहा कि इजरायल ने कतर में हमास अधिकारियों पर हमला करके गाजा पर बातचीत को पटरी से उतारने की कोशिश की है और इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू अरब को इजरायली क्षेत्र में बदलने का सपना देख रहे हैं, जो एक खतरनाक बात है.

बाद में शेख तमीम बिन हमाद अल थानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी पोस्ट किया और कहा, 'दोहा में आज हुई इमरजेंसी अरब-इस्लामिक समिट हमारे क्षेत्र में इजरायल के आतंकवाद के खिलाफ कठोर संदेश है और इसके परिणाम हमारे सामूहिक प्रयासों को तीव्र करने, हमारे देशों की स्थिति में समन्वय स्थापित करने और हमारे रुख और आवाज को एकजुट करने में प्रभावी रूप से योगदान देंगे.'

बैठक में कौन-कौन हुए शामिल?
अरब-इस्लामिक समिट में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, ईरान के राष्ट्रपति मौसाद पेजेशकियान, इराकी पीएम मोहम्मद सिया अल-सुदानी, तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन और फिलिस्तीन के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्बास भी शामिल हुए थे.

ईरानी राष्ट्रपति बोले- कल को किसी और मुस्लिम देश के साथ भी ऐसा कर सकता है इजरायल
ईरानी राष्ट्रपति मौसाद पेजेशकियान ने कहा कि ऐसी स्थिति कल अरब या किसी और इस्लामिक देश के सामने भी आ सकती है, जैसा जुलाई महीने में ईरान के साथ हुआ. जब इजरायल के साथ करीब 12 दिनों तक उसकी जंग चली थी. ईरान पहले भी मुस्लिम देशों से इजरायल के साथ सभी रिश्ते खत्म करने की अपील कर चुका है.

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