धरती पर वापसी से पहले, ड्रैगन कैप्सूल को ISS से अलग किया जाएगा. ये प्रक्रिया कुछ मिनटों की होती है. हालांकि इसे लेकर तैयारी काफी पहले से होती है और कई लेवल पर होती है. इसे ऐसे समझिए कि धरती से अंतरिक्ष में जाने के लिए जो प्रिपेरेशंस होती है वही स्पेस स्टेशन से वापस आने के लिए करनी पड़ती है.
नई दिल्ली:अंतरिक्ष में भारत का कद बढ़ाने वाले भारत के लाल शुभांशु शुक्ला की वापसी की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. स्पेस में उनका 14 दिन का मिशन खत्म होने वाला है और कभी भी उनकी वापसी हो सकती है. कहा जा रहा है कि शुभांशु शुक्ला स्पेश स्टेशन से अपने साथ जो डेटा ला रहे हैं वो बेहद अहम होगा लेकिन ये भी सही है कि अंतरिक्ष से वापसी का सफर आसान नहीं रहता. कई पड़ाव से होकर गुजरना पड़ता है.
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धरती पर वापसी से पहले, ड्रैगन कैप्सूल को ISS से अलग किया जाएगा. ये प्रक्रिया कुछ मिनटों की होती है. हालांकि इसे लेकर तैयारी काफी पहले से होती है और कई लेवल पर होती है. इसे ऐसे समझिए कि धरती से अंतरिक्ष में जाने के लिए जो प्रिपेरेशंस होती है वही स्पेस स्टेशन से वापस आने के लिए करनी पड़ती है. इसमें स्पेस सूट पहनना, डिप्रेशराइजेशन चेक करना, कैप्सूल की सुरक्षा जांच, मिशन कंट्रोल से संपर्क, कार्गो डेटा ट्रांसफर जैसे स्टेप्स शामिल हैं.
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