भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 के बीच का समय एक ऐसा दौर है जिसे काला अध्याय’ कहा जाता रहा है. हालांकि, इस पर शशि थरूर ने अपने निजी विचार पेश किए हैं.
Shashi Tharoor On Emergency: वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि आपातकाल को भारत के इतिहास के एक काले अध्याय के रूप में याद नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इसके सबक को पूरी तरह से समझा जाना चाहिए. गुरुवार (10 जुलाई 2025) को मलयालम दैनिक दीपिका में आपातकाल पर प्रकाशित एक आर्टिकल में कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य ने 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 के बीच प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तरफ से घोषित आपातकाल को याद करते हुए कहा कि अनुशासन और व्यवस्था के लिए किए गए प्रयास अक्सर क्रूरता में बदल जाते थे, जिन्हें सही नहीं ठहराया जा सकता था.
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