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Bihar Sir Case Follow The Constitution Supreme Courts To Election Commission 8972215#publisher=newsstand

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SC ने याचिकाकर्ताओं को भरोसा दिया है कि मतदाता सूची से मास लेवल पर लोगों के नाम काटे गए तो सुप्रीम कोर्ट हस्‍तक्षेप करेगा. इस मामले से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 12-13 अगस्त को सुनवाई करने का फैसला किया है.

नई दिल्‍ली:

बिहार में वोटर लिस्‍ट के SIR यानी सघन पुनरीक्षण अभियान पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को हिदायत देते हुए कहा कि अगर मास एक्‍सक्‍लूसन हुआ यानी बड़े पैमाने पर नाम काटे गए तो फिर कोर्ट दखल देगा. आयोग से सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक कहा कि आप संवैधानिक संस्‍था हैं, संविधान के मुताबिक चलिए. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को भरोसा दिया है कि मतदाता सूची से मास लेवल पर लोगों के नाम काटे गए तो सुप्रीम कोर्ट हस्‍तक्षेप करेगा. इस मामले से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 12-13 अगस्त को सुनवाई करने का फैसला किया है. 

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा कि चुनाव आयोग ने अदालत में भरोसा दिया है, अगर वे इससे अलग होते हैं तो हम जरूर हस्तक्षेप करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को भी ये भरोसा दिया कि अगर चुनाव आयोग इनसे बाहर जाता है तो अदालत दखल देगी. 

ड्राफ्ट से छूटे लोगों की सूची तैयार करें याचिकाकर्ता

याचिकाकर्ताओं से सुप्रीम कोर्ट ने कहा  कि वे 1 अगस्त को प्रकाशित होने के बाद ड्राफ्ट सूची से छूटे हुए लोगों को चिह्नित करें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सूची में नाम जोड़ने और सुधार के लिए 30 दिन की प्रक्रिया है. अगर बड़े पैमाने पर नाम बाहर किए गए तो हम हस्तक्षेप करेंगे . 

सुनवाई के दौरान जस्टिस जॉयमाल्या बागची ने कहा, 'चुनाव आयोग ड्राफ्ट सूची प्रकाशित करेगा. आपकी आशंका है कि लगभग 65 लाख मतदाता सूची में शामिल नहीं होंगे. वे (चुनाव आयोग) 2025 की प्रविष्टि के संबंध में सुधार की मांग कर रहे हैं. हम एक न्यायिक प्राधिकरण के रूप में इस मामले की समीक्षा कर रहे हैं. अगर बड़े पैमाने पर नाम बाहर किए गए हैं, तो हम तुरंत हस्तक्षेप करेंगे.' कोर्ट ने कहा कि जीवित लोगों को शामिल किया जाना चाहिए.

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