आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने कहा कि उस समय भारतीय संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया था. इतना ही नहीं प्रेस की स्वतंत्रता को भी खत्म कर दिया गया और कई राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया था.
नई दिल्ली:देश में इमरजेंसी लगे आज 50 साल (50 Years Of Emergency) पूरे हो चुके हैं. उस समय कांग्रेस की सरकार थी और इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं. तब देश में ऐसा तूफान उठा, जिससे हर एक भारतीय को जूझना पड़ा था. आपातकाल का वो काला अध्याय आज ही लोगों के जहन में बुरे सपने की तरह जिंदा है. इतिहास भी उस काले अध्याय को अपने पन्ने से कभी मिटा नहीं सकेगा. पीएम नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा ने आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर उसके दंश को याद करते हुए एक्स पर पोस्ट के जरिए अपना दर्द बयां किया है.
Today marks fifty years since one of the darkest chapters in India's democratic history, the imposition of the Emergency. The people of India mark this day as Samvidhan Hatya Diwas. On this day, the values enshrined in the Indian Constitution were set aside, fundamental rights…
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2025
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