समाजवादी पार्टी के अधिकतर मुस्लिम नेता अब आजम खान से किनारा कर चुके हैं. राज्यसभा सांसद जावेद अली खान, लोकसभा सांसद जिया उर रहमान से लेकर कैराना की एमपी इकरा हसन सब खामोश हैं.
लखनऊ:जेल में बंद आजम खान से जब उनकी पत्नी तंजीन फतिमा मुलाकात करके आईं, तो उन्होंने कुछ ऐसा बयान दिया. जिसने सबको हैरान कर दिया. तंजीन फतिमा ने आजम खान से मिलने के बाद कहा, उन्हें समाजवादी पार्टी से नहीं बस अल्लाह से उम्मीद है. तंजीन फतिमा का बयान एक प्रयोग था. सोची समझी रणनीति का हिस्सा था. आजम के परिवार को लगा था पार्टी के कई मुस्लिम नेता इस बात पर उनके साथ खड़े होंगे. आजम खान को सहानुभूति का साथ मिलेगा. योगी सरकार की ज़्यादती के खिलाफ लोग सड़क पर उतर कर समर्थन जतायेंगे. लेकिन कुछ ऐसा नहीं हुआ.
एक दौर था आजम खान के कहने पर टिकट मिलते थे. कई बार उनके कहने पर टिकट कटते भी थे. अखिलेश यादव ने आजम के कहने पर किसी को एमएलसी बनाया तो किसी को राज्यसभा भेज दिया. आजम के कहने पर कपिल सिब्बल को निर्दलीय ही अपने पार्टी के समर्थन से सांसद बना दिया. क्योंकि सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में आजम खान का केस लड़ते हैं .आजम खान के समर्थक माने जाने वाले नेताओं की लिस्ट लंबी है. पर इनमें से किसी ने उनका साथ नहीं दिया.
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