यूपी के इटावा में बदसलूकी के शिकार कथावाचक ने NDTV से खास बातचीत में आरोप लगाया कि यादव जाति बताने पर भीड़ ने उन्हें मारा-पीटा, एक कथावाचक की चोटी काटी तो दूसरे का सिर मुंडवा दिया. ब्राह्मणों के जूतों पर नाक रगड़वाई. शुद्धिकरण के नाम पर पेशाब छिड़का. कथावाचक ने कहा कि मुझे तो मर जाना चाहिए था.
इटावा:यूपी के इटावा में यादव समाज के दो कथावाचकों की चोटी काटकर बदसलूकी का विवाद तूल पकड़ गया है. कथावाचकों ने एनडीटीवी से खास बातचीत में दावा किया है कि उग्र लोगों की भीड़ ने उन्हें मारा-पीटा, गालियां दीं. एक की चोटी काटी तो दूसरे का मुंडन करवा दिया. भीड़ इतने पर ही नहीं रुकी, ब्राह्मणों के जूतों पर नाक रगड़वाई गई. शुद्धिकरण के नाम पर उनके ऊपर पेशाब भी छिड़का गया. यहां तक कि बीड़ी से शरीर को जलाने की कोशिश भी की गई. कहा कि इससे अच्छा तो कथावाचकों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से आरोपियों के घर बुलडोजर चलवाने की मांग की है. पुलिस कार्रवाई पर कहा कि जब तक सभी आरोपी गिरफ्तार नहीं हो जाते, वे संतुष्ट नहीं होंगे.
कथावाचकों ने बताई बदसलूकी की दास्तां
ये घटना यूपी में इटावा के बकेवर थाना क्षेत्र के सदरपुर गांव में 21 जून की हुई थी. सोशल मीडिया में इसका वीडियो आते ही वायरल हो गया. मुकुट सिंह और संत सिंह यादव नाम के जिन कथावाचकों के साथ बदसलूकी हुई, उन्होंने एनडीटीवी को विस्तार से पूरी घटना के बारे में बताया. मुकुट सिंह ने बताया कि कथा के बाद उन्हें खाना खाने के लिए ले जाया गया था. वहां कुछ लोगों ने उनकी जाति पूछी. जवाब में उन्होंने कह दिया कि वो यादव हैं. इसके बाद लोग नाराज हो गए. पहले चोटी काट ली, गालियां दीं और मारपीट की गई. मुकुट सिंह ने दावा किया कि भीड़ ने सुबह तक उन्हें बंधक बनाए रखा. कथा के खर्च की वसूली के लिए 30 हजार रुपए भी ले लिए. इसके बाद शुद्धिकरण के नाम पर पेशाब छिड़का गया. ब्राह्मणों के जूतों पर नाक रगड़वाने के बाद उनका सामान छीनकर भगा दिया.
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