केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जिस पार्टी ने देश में लोकतंत्र की हत्या करने का काम किया, संविधान का जो दुरुपयोग किया, वो एक दुःस्वप्न की तरह भारत की डेमोक्रेसी को हमेशा याद रहेगा. ...इसी को देखते हुए मोदी सरकार ने संविधान हत्या दिवस मनाने का फैसला किया है.
नई दिल्ली में आपातकाल के 50 साल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पार्टी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर जमकर निशाना साधा.
अमित शाह ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान (इंदिरा) गांधी ने संविधान में इतने बदलाव किए कि इसे मिनी संविधान बताया गया. संविधान की प्रस्तावना बदल दी, आर्टिकल 14 बदल दिया, 7वां शेड्यूल बदल दिया.40 अलग अलग कानून बदल दिए गए. नए अनुच्छेद डाले गए. नए खंड डाले गए और 45वां संविधान संशोधन ने तो इंतिहा ही कर दी. संविधान के मूल स्वरूप को ही बदल दिया.
शाह ने कहा कि इससे न्यायपालिका क्षुब्ध हो गई क्योंकि न्यायपालिका में न्याय देने वाले पहले ही अपने अनुकूल बनाकर रखे हुए थे. संशोधन के 59वें खंड ने सुप्रीम कोर्ट की शक्तियों को भी छीन लेने का काम किया. लोकतांत्रिक अधिकारों को खत्म करने का काम किया. एजेंसियों का दुरुपयोग किया. इस काम को इस देश की जनता कभी नहीं भुला सकती.
शाह ने आगे कहा कि इसी को देखते हुए मोदी सरकार ने फैसला किया है कि हम संविधान हत्या दिवस मनाएंगे क्योंकि ये पूरे देश की हमेशा के लिए स्मृति में रहना चाहिए कि जब लोकतांत्रिक तरीके से चुनकर कोई व्यक्ति तानाशाह बनता है, तो देश को कैसे दुष्परिणाम भोगने पड़ते हैं.
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