आमिर खान ने अपनी 2014 की फिल्म पीके को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद के बारे में बात की. उन्होंने इस दावे को दृढ़ता से खारिज कर दिया कि यह फिल्म धर्म-विरोधी है या "लव जिहाद" को बढ़ावा देती है.
नई दिल्ली::आमिर खान ने अपनी 2014 की फिल्म पीके को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद के बारे में बात की. उन्होंने इस दावे को दृढ़ता से खारिज कर दिया कि यह फिल्म धर्म-विरोधी है या "लव जिहाद" को बढ़ावा देती है. एक बातचीत में एक्टर ने फिल्म के संदेश को स्पष्ट किया और आलोचना का जवाब दिया. फिल्म को धर्म-विरोधी करार दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर आमिर ने कहा, 'वे गलत हैं. हम किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं हैं. हम सभी धर्मों और सभी धार्मिक लोगों का सम्मान करते हैं. वह फिल्म हमें केवल उन लोगों से सावधान रहने के लिए कहती है जो आम आदमी को मूर्ख बनाने के लिए धर्म का इस्तेमाल करते हैं ताकि उनसे पैसे ऐंठ सकें. आपको हर धर्म में ऐसे लोग मिल जाएंगे. यही फिल्म का एकमात्र उद्देश्य था.'
इस फिल्म ने धर्म को लेकर बहस छेड़ दी, फिल्म में दिखाई गई लवस्टोरी और कथानक की आलोचना हुई. फिल्म में अनुष्का शर्मा एक हिंदू महिला, सुशांत सिंह राजपूत एक पाकिस्तानी मुस्लिम व्यक्ति के साथ रिश्ते में है. कुछ आलोचकों ने फिल्म पर कथित तौर पर "लव जिहाद" को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. "लव जिहाद" एक विवादास्पद और राजनीतिक रूप से आरोपित शब्द है, जिसका इस्तेमाल देश के कुछ हिस्सों में एक कथित साजिश के बारे में बात करने के लिए किया जाता है. इसमें मुस्लिम पुरुषों पर गैर-मुस्लिम महिलाओं को इस्लाम में परिवर्तित करने के उद्देश्य से प्यार या शादी में फंसाने का आरोप लगाया जाता है.
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