S Jaishankar Slams Trump Tariff Policy: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को देश की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति पर जोर देते हुए कहा कि दुनिया में हर दिन अस्थिरता और प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार (6 अक्टूबर) को कहा कि दुनिया इस समय बड़े बदलावों और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के दौर से गुजर रही है. उन्होंने चेतावनी दी कि 'हर चीज का हथियार के रूप में इस्तेमाल' बढ़ रहा है और ऐसे समय में भारत को अपनी रणनीति मजबूत करते हुए आगे बढ़ना होगा. उन्होंने ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति पर जोर देते हुए कहा कि भारत को इस पूरे उपमहाद्वीप में किसी भी संकट की स्थिति में ‘गो-टू ऑप्शन’ बनना होगा.
दुनिया में बढ़ती अस्थिरता और प्रतिस्पर्धा
जयशंकर ने कहा कि आज वैश्वीकरण के खिलाफ भावना दुनिया के कई समाजों में बढ़ रही है. व्यापार के पुराने समीकरण टैरिफ की अस्थिरता के कारण बदल रहे हैं. उन्होंने यह बयान अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति की ओर संकेत करते हुए दिया. अमेरिका ने हाल ही में भारत पर कई बड़े टैरिफ लगाए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ गया है.
भारत को बनना होगा संकट में भरोसेमंद विकल्प
जयशंकर ने कहा, भारत को इस उपमहाद्वीप में किसी भी संकट की स्थिति में सबसे भरोसेमंद विकल्प बनना होगा. उन्होंने कहा कि भारत को वैश्विक संतुलन बनाए रखने के लिए एक बड़े रणनीतिक ब्लॉक का हिस्सा बनना होगा. उन्होंने मौजूदा समय को हर चीज को हथियार बनाने का दौर बताया.
पड़ोसी देशों में अस्थिरता, भारत के सामने चुनौती
उन्होंने कहा कि भारत का पड़ोस इस समय बेहद नाजुक स्थिति में है. पाकिस्तान के साथ रिश्ते लगातार तनावपूर्ण हैं, वहीं श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल में भी हाल के महीनों में राजनीतिक अस्थिरता और विरोध प्रदर्शन देखने को मिले हैं. जयशंकर ने कहा कि ऐसे माहौल में भारत को अपनी नीतियों को मजबूत रखते हुए आगे बढ़ना होगा.
अमेरिका से समझौता, लेकिन ‘रेड लाइन’ पर समझौता नहीं
जयशंकर ने दो टूक कहा कि भारत अमेरिका के साथ कोई भी व्यापारिक समझौता तभी करेगा, जब उसकी 'रेड लाइन्स' यानी कृषि और डेयरी सेक्टर में विदेशी सामान की बिना रोकटोक एंट्री की अनुमति न दी जाए. उन्होंने कहा कि विभाजन से भारत को जो रणनीतिक नुकसान हुआ था, उसे अब पाटना होगा.
2047 के लिए भारत की रणनीति
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में ‘India and the World Order: Preparing for 2047’ विषय पर आयोजित अरावली समिट में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत की वृद्धि की ताकत मांग, जनसंख्या और डेटा हैं. उन्होंने कहा कि हमें 2047 की यात्रा के लिए अपने विचार, शब्दावली और नरेटिव खुद तैयार करने होंगे ताकि भारत वैश्विक व्यवस्था में अग्रणी भूमिका निभा सके.
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