CJI BR Gavai: मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि इस फैसले के मूल में मानवीय समस्याएं और मानव की ओर से सामना की जाने वाली समस्याएं थीं. इससे कई परिवारों को परेशान किया जा रहा था.
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने मंगलवार (23 सितंबर, 2025) को कहा है कि बुलडोजर कार्रवाई पर उनके फैसले से उन्हें अत्यधिक संतुष्टि मिली है क्योंकि यह मानवीय समस्याओं से निपटता है. सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति गवई और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने 13 नवंबर, 2024 को बुलडोजर न्याय की तुलना एक अराजक स्थिति से की थी और देशभर के लिए दिशा-निर्देश निर्धारित किए थे.
सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के एक शैक्षणिक समूह की ओर से शुक्रवार (19 सितंबर, 2025) को आयोजित एक अभिनंदन समारोह में सीजेआई गवई ने कहा कि उन्हें लगभग छह महीने तक न्यायमूर्ति विश्वनाथन के साथ पीठ साझा करने का अवसर मिला.
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि बुलडोजर से जुड़ा फैसला उन फैसलों में से एक है, जिसने हम दोनों को अत्यधिक संतुष्टि दी. इस फैसले के मूल में मानवीय समस्याएं और मानव की ओर से सामना की जाने वाली समस्याएं थीं. परिवार को केवल इसलिए परेशान किया जा रहा था कि उसके सदस्य या तो अपराधी या कथित अपराधी हैं.’
CJI बीआर गवई ने की पूर्व मुख्य न्यायाधीशों की सराहना
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा, 'हालांकि, इसका श्रेय उन्हें ही जाता है, लेकिन इस फैसले को लिखने का बराबर का श्रेय न्यायमूर्ति विश्वनाथन को भी जाना चाहिए. सीजेआई के कार्यकाल का न्याय प्रशासन पर कोई असर नहीं पड़ता.'
सीजेआई ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि प्रधान न्यायाधीश के कार्यकाल का न्याय प्रशासन की दक्षता से कोई सीधा संबंध है. हमारे पास ढाई महीने तक न्यायमूर्ति ललित और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना जैसे सर्वश्रेष्ठ प्रधान न्यायाधीश रहे हैं, जिन्होंने अपनी छाप छोड़ी है और वे न्याय देने और (न्याय) प्रशासन में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने न्याय की बेहतरी और देश भर में न्यायपालिका के बुनियादी ढांचे में सुधार लाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया.'
उन्होंने कहा, 'मैंने न्याय प्रशासन की बेहतरी और देश भर में न्यायिक बुनियादी ढांचे में सुधार लाने और यह सुनिश्चित करने के लिए हर पल प्रयास किया है कि उच्च न्यायालयों में नियुक्तियां शीघ्रता से तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचें.'
युवा वकीलों को अच्छा प्रतिनिधित्व देने का किया गया प्रयास- CJI
सीजेआई के अनुसार, पिछले कुछ सालों में सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर रहे युवा वकीलों को अच्छा प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया गया है. उन्होंने कहा, 'हमें पूरा विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट में उन्हें जो समृद्ध अनुभव प्राप्त होता है, वह वास्तव में हाई कोर्ट स्तर पर दक्षता लाने या उसे बढ़ाने में मदद करता है.'
यह भी पढे़ंः 'राजनीति में रहना है तो मोटी चमड़ी...', BJP प्रवक्ता गौरव भाटिया की याचिका पर ऐसा क्यों बोला दिल्ली हाई कोर्ट?
0 Comments