Aligarh News – अलीगढ़ की ताज़ा खबरें और ब्रेकिंग न्यूज़

Nepal First Woman Interim Prime Minister Sushila Karki Sworn In Amid Parliament Boycott Know Full Story

Nepal First Woman Interim Prime Minister Sushila Karki Sworn In Amid Parliament Boycott Know Full Story

news image

Sushila Karki: नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की ने शुक्रवार को अंतरिम प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने शीतल निवास में आयोजित समारोह में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.

Sushila Karki: नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की ने शुक्रवार को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने शीतल निवास में आयोजित विशेष समारोह में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.  उपराष्ट्रपति रामसहाय यादव, प्रधान न्यायाधीश प्रकाश सिंह रावत, सरकारी अधिकारी, सेना और सुरक्षा प्रमुखों के साथ साथ राजनयिक समुदाय के सदस्य इस दौरान मौजूद रहे.

नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के शपथग्रहण समारोह में संसद के दोनों सदनों के प्रमुख शामिल नहीं हुए. राष्ट्रपति भवन से निमंत्रण भेजे जाने के बावजूद प्रतिनिधि सभा के स्पीकर देवराज घिमिरे और राष्ट्रीय सभा के अध्यक्ष नारायण दहाल ने समारोह का बहिष्कार किया. घिमिरे सीपीएन यूएमएल (ओली की पार्टी) से सांसद हैं, जबकि दहाल सीपीएन माओवादी केंद्र (प्रचंड की पार्टी) से आते हैं. दोनों ही नेता संसद भंग के फैसले का विरोध कर रहे हैं. शपथ लेने के बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने कार्की से कहा, “अब देश बचाइए, सफल रहिए.” इस पर कार्की ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और केवल धन्यवाद कहकर आगे बढ़ गईं.

'संविधान बचाने और राष्ट्रीय एकता बनाए रखने का उद्देश्य'
राष्ट्रपति पौडेल ने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए कार्की को प्रधानमंत्री नियुक्त किया. साथ ही अंतरिम सरकार को छह महीने के भीतर आम चुनाव कराने का दायित्व सौंपा. यह कदम हाल ही में हुए Gen Z आंदोलन और संसद भंग के फैसले के बाद उठाया गया. हालांकि तीन सदस्यीय मंत्रिमंडल बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन मंत्री पदों पर सहमति नहीं बन सकी. ऐसे में सुशीला कार्की अस्थायी तौर पर सभी मंत्रालयों का कार्यभार संभालेंगी.

सुशीला कार्की के अलावा कौन थे रेस में?
73 वर्षीय कार्की के नाम पर सहमति बनने से पहले लंबी बैठकें हुईं. Gen Z गुट, राष्ट्रपति और सेना प्रमुख भी इन बैठकों में शामिल रहे. अंतरिम प्रधानमंत्री की दौड़ में काठमांडू के मेयर बालेन शाह और नेपाल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के पूर्व प्रमुख कुलमान घीसिंग के नाम भी शामिल थे. लेकिन बालेन शाह ने खुद इस पद से इनकार कर दिया था.

Gen Z क्यों मान गए कार्की के नाम पर
सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस रह चुकी हैं. अपने कार्यकाल में उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया, जिससे वे युवाओं के बीच लोकप्रिय हो गईं. यही कारण है कि पुरानी व्यवस्था से नाराज Gen Z आंदोलनकारियों ने उन्हें अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार किया.

क्या सरकार में शामिल होंगे Gen Z प्रतिनिधि?
फिलहाल रिपोर्ट्स के अनुसार, Gen Z आंदोलनकारियों के प्रतिनिधि सीधे तौर पर सरकार में शामिल नहीं होंगे. हालांकि वे अंतरिम सरकार की निगरानी करेंगे और इस बात पर नजर रखेंगे कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और युवाओं के भविष्य से जुड़े फैसले लिए जाएं. 

Gen-Z प्रदर्शनकारियों की शर्तें

  • 6 से 12 महीने में आम चुनाव : आंदोलनकारियों की पहली मांग थी कि देश में जल्द से जल्द आम चुनाव कराए जाएं, ताकि जनता अपनी पसंद की सरकार चुन सके. कार्की ने इसे मान लिया है.
  • संसद भंग : Gen-Z प्रदर्शनकारियों के दबाव में नेपाल की संसद भंग कर दी गई और अब सत्ता की कमान सुशीला कार्की के हाथों में है.
  • नागरिक-सैन्य सरकार का गठन : आंदोलनकारियों ने प्रस्ताव रखा था कि सरकार में नागरिकों और सेना दोनों का प्रतिनिधित्व हो. इस मांग को भी कार्की ने स्वीकार किया है.
  • भ्रष्टाचार पर लगाम : प्रदर्शनकारियों का कहना था कि आंदोलन केवल सोशल मीडिया बैन के खिलाफ नहीं था, बल्कि भ्रष्टाचार मुख्य कारण है. उन्होंने पुराने दलों और नेताओं की संपत्ति की जांच के लिए एक शक्तिशाली न्यायिक आयोग बनाने का प्रस्ताव रखा.
  • हिंसा की स्वतंत्र जांच : आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग भी की गई. सुशीला कार्की ने इस पर सहमति जताई है ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके.

Read more

Post a Comment

0 Comments