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Bihar Assembly Elections 2025 Survey Close Contest Between Nda And Grand Alliance Nitish Kumar Tejashwi Yadav Prashant Kishor

Bihar Assembly Elections 2025 Survey Close Contest Between Nda And Grand Alliance Nitish Kumar Tejashwi Yadav Prashant Kishor

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के ताजा सर्वे में NDA और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर दिखी, जबकि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का भी उभार देखने को मिला है.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 इस साल के आखिर में होने हैं और नतीजे तय करेंगे कि अगले पांच साल प्रदेश की सत्ता पर किस दल का कब्जा होगा. चुनावी माहौल को और गरमाते हुए हाल ही में आए दो बड़े सर्वे लोक पोल और एस इंडिया ने दिलचस्प नतीजे पेश किए हैं. दोनों सर्वे में NDA और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है, जबकि प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज भी वोटरों के बीच अपनी जगह बनाने में सफल होती नजर आ रही है.

लोक पोल सर्वे के अनुसार महागठबंधन 118 से 126 सीटें हासिल कर सकता है, जबकि NDA को 105 से 114 सीटें मिलने का अनुमान है. अन्य दलों को 2 से 5 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है. बहुमत के लिए 122 सीटें जरूरी हैं, और इस लिहाज से महागठबंधन बहुमत के करीब पहुंचता दिख रहा है. वोट शेयर के लिहाज से भी महागठबंधन 39–42% और NDA 38–41% पर नजर आ रहे हैं. हालांकि अंतर कम है, लेकिन सीटों की गणित में महागठबंधन को बढ़त मिल सकती है.

पूर्णिया की सीटों पर मुस्लिम वोटरों का प्रभाव

एस इंडिया सर्वे ने क्षेत्रवार तस्वीर पेश की है. पूर्णिया की 24 सीटों पर मुस्लिम वोटरों के प्रभाव के चलते महागठबंधन को बढ़त मिल सकती है, वहीं NDA की पकड़ बरकरार रहने का अनुमान है. मगध की 26 सीटों पर NDA पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन कर सकता है, जबकि महागठबंधन पिछड़ सकता है. भोजपुर की 22 सीटों पर NDA मजबूत स्थिति में दिख रहा है. भागलपुर की 12 सीटों पर दोनों बड़े गठबंधनों को फायदा हो सकता है, लेकिन जन सुराज का असर भी धीरे-धीरे उभर रहा है.

प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी

प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी इस चुनाव में नया फैक्टर साबित हो सकती है. हालांकि सीटों की संख्या सीमित रह सकती है, लेकिन वोट शेयर में बढ़त बड़े दलों की रणनीति को प्रभावित कर सकती है. कुल मिलाकर लोक पोल सर्वे महागठबंधन को आगे दिखाता है, जबकि एस इंडिया सर्वे कुछ क्षेत्रों में NDA की स्थिति बेहतर बताता है. साफ है कि इस बार का चुनाव बेहद कड़ा और कांटे का होगा. बिहार की सियासत में हर सीट का महत्व है और छोटे दलों का प्रदर्शन भी नतीजों पर असर डाल सकता है.

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