शो में DOLO 650 की मिसाल देते हुए बताया गया कि कैसे कोविड के समय इस दवा को लिखने के एवज में डॉक्टरों को गिफ्ट, ट्रिप और कैश तक मिले.
नई दिल्ली:एनडीटीवी इंडिया के स्पेशल शो 'कचहरी' में इस बार बहस एक बेहद जरूरी लेकिन कम चर्चित मुद्दे पर हुई- दवा और इलाज की आड़ में चल रही सुनियोजित लूट पर. एंकर शुभंकर मिश्रा ने सवाल उठाया कि क्या हम इलाज करवा रहे हैं या एक रैकेट का हिस्सा बन चुके हैं, जो हमारी बीमारी से कमाई कर रहा है? शो में बताया गया कि मरीज की तकलीफ, उसकी बीमारी और उसके पैसे से जो कारोबार चलता है, उसमें सबसे ऊपर डॉक्टर की कलम होती है- और वो कलम तय करती है कि कौन सी दवा मिलेगी.
लेकिन ये दवा मरीज की जरूरत के हिसाब से नहीं, मुनाफे के हिसाब से लिखी जाती है. डॉक्टर, दवा कंपनियां और मेडिकल स्टोर- सबकी एक साठगांठ है, जो मरीज के भरोसे को व्यापार बना चुकी है.
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