सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि सरकारी बंगला खाली करने में देरी का उनका कोई इरादा नहीं था, लेकिन मेडिकली डिपेंडेंट परिवार के लिए शिफ्ट करने की व्यवस्था बहुत अलग होती है.
सरकारी बंगला खाली करने को लेकर चल रहे विवाद के बीच पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने बताया है कि उनको किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से इसमें देरी हुई है. उनका कहना है कि उनकी बेटियां रेयर डिसऑर्डर से पीड़ित हैं, जिनके लिए उन्होंने घर में ही आईसीयू का सेटअप किया है और उनके किसी नए घर में शिफ्ट होने के लिए उनकी जरूरतों का ख्याल रखना होगा. जस्टिस चंद्रचूड़ सीजेआई रेजीडेंस छोड़ने के बाद तीन मूर्ति मार्ग पर आवंटित सरकारी आवास में रहेंगे. पूर्व सीजेआई ने बताया कि उन्होंने सामान पैक कर लिया है और दो हफ्ते में यह आवास खाली कर देंगे.
जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ अभी दिल्ली में 5 कृष्णा मेनन मार्ग पर टाइप 8 बंगले में रह रहे हैं. बार एंड बेंच से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'हमने अपना सामान और फर्नीचर पैक कर लिया है. सिर्फ रोजाना इस्तेमाल होने वाला फर्नीचर बाहर है, जिसे वह ऐसे ही ट्रक में रखकर नए घर ले जाएंगे. इस सबमें मुश्किल से 10 दिन और लगेंगे या ज्यादा से ज्यादा दो हफ्ते लग सकते हैं.' जस्टिस चंद्रचूड़ ने बताया कि पहले भी कई जजों का बंगले में रहने के लिए समय बढ़ाया गया है.
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