Iran-Israel war : ईरान का फोर्डो परमाणु केंद्र चट्टानों के नीचे करीब 260 फुट गहराई में बना है. इजराइल के पास ऐसी क्षमता नहीं है कि वह इतनी गहराई में मार कर सके. जानें अमेरिकी GBU-57 A/B मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर बम की खासियतें, जो धरती फाड़कर तबाही मचाने में सक्षम है.
नई दिल्ली:ईरान और इजराइल की जंग में अब अमेरिका की एंट्री हो सकती है. अमेरिका सीधे तौर पर तो नहीं, लेकिन इजराइल के कंधे पर 'बंदूक' रखकर ईरान की परमाणु क्षमता को ध्वस्त करने की तैयारी कर रहा है, ऐसी खबरें हैं. ईरान ने अपनी फोर्डो न्यूक्लियर फैसिलिटी को जमीन के लगभग 260 फुट नीचे, बेहद सुरक्षित तरीके से बंकर में बना रखा है. कहा जा रहा है कि इजराइल के पास ऐसी क्षमता नहीं है कि वह जमीन के इतना नीचे मार कर सके. ऐसे में अमेरिका के बेहद घातक धरतीफाड़ बंकर बम की मदद से ईरानी परमाणु केंद्र को नेस्तनाबूद करने की योजना बनाई जा रही है.
ईरान का दूसरा सबसे बड़ा परमाणु केंद्र
ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बर्बाद करने के लिए इजरायल ने पूरा जोर लगा रखा है. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के मिसाइल और परमाणु कार्यक्रम को तबाह करने का संकल्प लिया है. इस हमले का मुख्य निशाना फोर्डो परमाणु संवर्धन केंद्र है. यह तेहरान के दक्षिण-पश्चिम में क़ोम शहर के पास एक पहाड़ के अंदर बना है. फोर्डो को ईरान के सबसे सुरक्षित परमाणु केंद्र में से एक माना जाता है. ईरान का सबसे बड़ा परमाणु केंद्र नतांज है, जिस पर हाल ही में इजराइल ने हमला किया था.
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