1953 में अमेरिकी ऑपरेशन के बाद जब ईरान में शाह रजा पहलवी राजा बना तो उसने अमेरिकी राष्ट्रपति ड्वाइट डी आइजनहोवर से परमाणु हथियार की मंशा जताई. इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने सहमति जताई थी.
US on Iran Nuclear Programme: इजरायल-ईरान की जंग के बीच अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर जोरदार हमला किया. इस हमले के पीछे अमेरिका का मकसद ईरान के परमाणु हथियार बनाने की योजना को नष्ट करना था. लेकिन इतिहास के पन्ने पलटने पर पता चलता है कि जो अमेरिका आज ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकना चाहता है, कभी उसी अमेरिका ने ईरान को परमाणु हथियार बनाने के लिए न्यूक्लियर रिएक्टर, यूरेनियम और अन्य महत्वपूर्ण चीजें मुहैया कराई थी.
वो 1951 का साल था. तब भी ईरान के पास तेल का बड़ा भंडार हुआ करता था, जो दुनिया के कुल तेल भंडार का 10 फीसदी से भी ज्यादा था. अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश तेल के इस बड़े से भंडार पर अपना कब्जा जमाना चाहते थे. ईरान के प्रधानमंत्री मोहम्मद मोसद्दिक को भी इस बात का बखूबी एहसास था.
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