NDTV से खास बाचतीच में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि मैं वर्ण व्यवस्था का पक्षधर हूं. मैं मानता हूं कि इस देश में संविधान से बड़ी मनुस्मृति है.
नई दिल्ली:उत्तर प्रदेश में रामकथा वाचक की पिटाई के मामले पर चल रही राजनीति के बीच, एनडीटीवी के साथ विशेष बातचीत में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि वे वर्ण व्यवस्था के समर्थक हैं. उन्होंने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि संविधान से बड़ी मनुस्मृति है. इस दौरान शंकराचार्य ने संविधान को लेकर विवादित बयान भी दे दिया. उन्होंने कहा कि संविधान ने देश और समाज को दो टुकड़ों में बांटकर रखा हुआ है. संविधान देश के नागरिकों के बीच भेदभाव करता है.
#NDTVEXCLUSIVE | 'संविधान से बड़ी है मनुस्मृति': शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
— NDTV India (@ndtvindia) June 29, 2025
पूरा इंटरव्यू - https://t.co/4U6HgRHBO0#SwamiAvimukateshwaranand | @Awasthis pic.twitter.com/hwvlfnbobo
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