सुप्रीम कोर्ट ने शर्त लगाई कि वो जांच में सहयोग करेंगे और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे और साथ ही गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे.
नाबालिग लड़के के अपहरण के मामले में तमिलनाडु के केवी कुप्पम के विधायक जगन मूर्ति को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है.
कोर्ट ने केस में अग्रिम जमानत दे दी है और जगन मूर्ति की याचिका पर नोटिस भी जारी किया. सुप्रीम कोर्ट ने शर्त लगाई कि वो जांच में सहयोग करेंगे और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे और साथ ही गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे.
जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस एनके सिंह की पीठ मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ चुनौती पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मूर्ति द्वारा नाबालिग लड़के के कथित अपहरण के संबंध में दायर अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया था. कोर्ट ने मामले में नोटिस जारी करने पर सहमति जताई और अग्रिम जमानत मंजूर कर ली.
पीठ ने आदेश देते हुए कहा कि मामले पर विचार करने की आवश्यकता है. इस बीच यदि याचिकाकर्ता को पुलिस स्टेशन - थिरुवलंगडु में दर्ज एफआईआर नंबर 101/2025 के संबंध में गिरफ्तार किया जाता है तो उसे 25,000 रुपये के निजी मुचलके पर रिहा किया जाएगा, बशर्ते कि वह जांच में सहयोग करेगा और गवाहों को धमकाएगा नहीं या सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगा.
वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए और कहा कि इस बात पर कोई विवाद नहीं है कि अपहृत व्यक्ति को बरामद किया गया था और वह आवेदक के कब्जे या नियंत्रण से नहीं था. आवेदक को दुर्भावनापूर्ण कारणों से फंसाया गया है. इससे पहले इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ADGP एच एम जयराम को गिरफ्तार करने के मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया था.
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