चावल मिल मालिकों कहना है कि फैक्ट्री में तैयार माल रखने की जगह नहीं बची. एक्सपोर्ट बंद होने से काम रोकना पड़ सकता है. हम किसानों से खरीदी भी बंद करेंगे तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा.
नई दिल्ली:ईरान और इजरायल के बीच जारी युद्ध (Iran Israel War) का असर अब भारत के चावल कारोबार (Rice Export) पर भी दिखने लगा है. दिल्ली में निर्यातक से लेकर कोटा मंडियों में खड़े किसान, सब परेशान हैं. युद्ध के चलते न केवल चावल का निर्यात अटका है, बल्कि धान के दाम में भी तेज गिरावट आई है. राजस्थान के कोटा मंडी में इन दिनों तीन करोड़ बोरी से अधिक धान आ चुका है, लेकिन खरीदार नहीं हैं. मध्य प्रदेश के हाड़ौती समेत कई जिलों से आए किसान यहां मंडियों में अपनी उपज बेचने के लिए पहुंचे हैं, लेकिन उन्हें उचित दाम नहीं मिल रहे. पहले जहां धान का रेट 3900 रुपये क्विंटल था, अब वही घटकर 3200 रुपये तक आ गया है.
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