हिंदी भाषा पर महाराष्ट्र की राजनीति में घमासान मचा हुआ है. स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य किया गया है, लेकिन विपक्षी दलों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस मुद्दे पर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ आंदोलन करेंगे. संजय राउत ने इसकी जानकारी दी.
मुंबई:महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य बनाए जाने के मुद्दे ने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को एक बार फिर साथ आने का मौका दे दिया है. इस मुद्दे को लेकर उद्धव और राज ठाकरे एक साथ आंदोलन करने वाले हैं. इसकी जानकारी खुद शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने दी है. NDTV से खास बातचीत के दौरान संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में फिलहाल प्राइमरी स्कूलों में हिंदी अनिवार्य करने की बात चल रही है. भाषा के नाम पर बच्चों पर हिंदी भाषा लादी जा रही है. हिंदी भाषा से किसी प्रकार का विरोध नहीं है. लेकिन प्राइमरी स्कूलों पर उसे थोपने नहीं देंगे. इस विषय पर राज ठाकरे ने एक भूमिका अपनाई है. वहीं भूमिका उद्धव ठाकरे की भी है.
एक साथ करेंगे आंदोलन
संजय राउत ने कहा मराठी भाषा को लेकर जो समिति 7 जुलाई को आंदोलन कर रही है. कल राज ठाकरे के पास सरकार की तरफ से कुछ लोग गए. उन्होंने अपना मत रखा जो राज ठाकरे को पसंद नहीं आया. ठीक उसी समय उन्होंने एक मोर्चा निकालने की घोषणा की. हमें इसके बारे में मातोश्री पर तब जानकारी नहीं थी. मातोश्री से बाहर निकलने के बाद मुझे राज ठाकरे का फोन आया. उन्होंने कहा ऐसी भूमिका है कि उद्धव साहब ने 7 जुलाई को मोर्चा निकालने की बात कही है और मैं 6 जुलाई को निकाल रहा हूं. यह ठीक नहीं लग रहा कि मराठी भाषा को लेकर अलग-अलग मोर्चा निकले. अगर आंदोलन एक साथ किया गया तो इसका ज्यादा असर पड़ेगा और मराठी भाषा के लोगों को भी अच्छा लगेगा.
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