Who is Palwasha Mohammad Zai Khan: पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते अच्छे नहीं है. इसी बीच पाकिस्तानी सीनेटर पलवाशा मोहम्मद जई खान ने विवादित बयान दिया है.
Who is Palwasha Mohammad Zai Khan: पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच बुधवार को एक वीडियो वायरल हुआ. इस वीडियो में पाकिस्तानी सीनेटर पलवाशा मोहम्मद जई खान ने कहा कि अयोध्या में बनने वाली नई बाबरी मस्जिद की पहली ईंट पाकिस्तान की सेना रखेगी.
सीनेटर खान का यह बयान 29 अप्रैल को पाकिस्तान की संसद के ऊपरी सदन में दिया गया. वहां उन्होंने कहा, "अयोध्या में जो नई बाबरी मस्जिद बनेगी, उसकी पहली ईंट पाकिस्तान की सेना के जवान रखेंगे और पहली अज़ान खुद सेना प्रमुख असीम मुनीर देंगे." उन्होंने यह भी कहा, "हमने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं." आइये जानते हैं कि कौन हैं पलवाशा मोहम्मद जई खान?
कौन हैं पलवाशा मोहम्मद जई खान?
पलवाशा मोहम्मद जई खान पाकिस्तान की एक सीनेटर हैं और इस समय पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) की उप सूचना सचिव के पद पर हैं. वे मार्च 2021 से पाकिस्तान की संसद के ऊपरी सदन (सीनेट) की सदस्य हैं. उन्होंने सिंध प्रांत से महिलाओं के लिए आरक्षित सीट पर जीत हासिल की थी. इससे पहले, वे 2008 से 2013 तक पाकिस्तान की नेशनल असेंबली (संसद के निचले सदन) की सदस्य भी रह चुकी हैं. पलवाशा खान मशहूर राजनीतिज्ञ और व्यवसायी फोजिया बेहराम की भतीजी हैं. फोजिया बेहराम 1988-90 के आम चुनाव में पंजाब विधानसभा की इकलौती महिला सदस्य थीं.
सिख समुदाय को लेकर दिया था बयान
पलवाशा खान ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान की सेना में मौजूद सिख जवान कभी पाकिस्तान पर हमला नहीं करेंगे, क्योंकि यह उनके लिए धार्मिक रूप से खास जगह है. उन्होंने कहा, "अगर भारत पाकिस्तान को धमकी देता है, तो उसे बता देना चाहिए कि सिख सैनिक पाकिस्तान पर हमला नहीं करेंगे, क्योंकि यह जगह गुरु नानक की धरती है."
भारत-पाकिस्तान में बढ़ा तनाव
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बना हुआ है. पाकिस्तान बार-बार जम्मू-कश्मीर में एलओसी (नियंत्रण रेखा) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है. इसके जवाब में भारतीय सेना ने भी सख्त कार्रवाई की है. भारत सरकार ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं. इनमें सिंधु जल समझौते को रोकना, पाकिस्तान दूतावास के कर्मचारियों की संख्या घटाना, पाकिस्तानी विमानों के लिए भारतीय हवाई रास्ता बंद करना और अटारी बॉर्डर को बंद करना शामिल है.
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