तुर्किए और पाकिस्तान के बीच संबंध महज धार्मिक एकता तक सीमित नहीं हैं. दोनों देशों के बीच रक्षा, व्यापार और वैश्विक मंचों पर समर्थन की गहराई बढ़ती जा रही है.
Turkey-Pakistan Relations: पाकिस्तान के पक्के दोस्त तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन ने एक बार फिर पाकिस्तान के लिए प्यार बरसाया है. उन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष से निपटने की बात कहकर पाकिस्तान की जमकर तारीफ की है. राष्ट्रपति एर्दोगन ने आरोप लगाते हुए कहा, "वह भारत के नापाक हमलों का जवाब देने में अपने धैर्य और ज्ञान के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाकिस्तानी भाइयों और बहनों को बधाई देते हैं." इससे पहले भी तुर्किए के राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के भारत के खिलाफ जारी तनाव में खुला समर्थन कर चुके हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि तुर्किए, अच्छे और बुरे समय में पाकिस्तान के भाई समान लोगों के साथ खड़ा रहेगा.
एर्दोगन ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम का स्वागत करते हुए जल विवाद के समाधान की आशा जता चुके हैं. उन्होंने पाकिस्तान को समर्थन देने की भी बात दोहराई है. उन्होंने एक ट्वीट करते हुए लिखा था कि मुझे खुशी है कि पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव युद्ध विराम के साथ समाप्त हो गया. मुझे उम्मीद है कि शांति का यह माहौल अन्य समस्याओं, विशेष रूप से जल विवाद के समाधान में सहायक होगा. एर्दोगन का यह बयान उस समय आया है जब कश्मीर में पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था. इस संधि के तहत भारत से तीन प्रमुख नदियों – झेलम, चिनाब और सिंधु – का पानी पाकिस्तान को मिलता है. इस ऐतिहासिक संधि को लेकर अब नई बहस छिड़ गई है.
तुर्किए और पाकिस्तान के बीच संबंध
तुर्किए और पाकिस्तान के बीच संबंध महज धार्मिक एकता तक सीमित नहीं हैं. दोनों देशों के बीच रक्षा, व्यापार और वैश्विक मंचों पर समर्थन की गहराई बढ़ती जा रही है. OIC जैसे मंचों पर तुर्किए कश्मीर मुद्दे को लेकर पाकिस्तान के पक्ष में आवाज़ उठाता रहा है. यह स्थिति भारत के लिए विशेष रूप से चिंताजनक मानी जा रही है, जब एर्दोगन जैसे नेता खुले तौर पर पाकिस्तान का समर्थन करते हुए भारत की आलोचना कर रहे हैं. हालांकि, इस दौरान भारत ने तुर्किए के खिलाफ ट्रेड वॉर की घोषणा कर दी है. पाकिस्तान का समर्थन करने के चलते भारतीय व्यपारियों ने कई तरह के समान को तुर्किए से न मांगने की घोषणा कर दी है. इसमें मार्बल और सेब है. इसके अलावा कई लोगों ने इंस्ताबुल घूमने का भी प्लान कैंसिल कर दिया है.
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