India Pakistan Ceasefire Modi Government Sources Refutes Us President Claim

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अमेरिकी राष्ट्रपति ने परमाणु युद्ध रोकने के बारे में जो कहा है, उसके विपरीत शीर्ष सरकारी सूत्रों ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करना भारत का उद्देश्य कभी नहीं था.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारत के सामने गिड़गिड़ाकर युद्धविराम का ऐलान करने की मांग की थी. इसके बाद भारत ने अपनी शर्तों पर युद्धविराम का ऐलान किया था. हालांकि, भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम का क्रेडिट लेने की होड़ में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जंग रुकवाने का दावा किया.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा करते हुए कहा, "मेरे प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच तत्काल युद्धविराम कराने में मदद की. मुझे लगता है कि यह स्थायी युद्धविराम होगा, जिन देशों के पास बहुत सारे परमाणु हथियार हैं."

अमेरिकी राष्ट्रपति ने परमाणु युद्ध रोकने के बारे में जो कहा है, उसके विपरीत शीर्ष सरकारी सूत्रों ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करना भारत का उद्देश्य कभी नहीं था. इस बार हमारा सैन्य उद्देश्य सिर्फ़ 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था. साथ ही शीर्ष सूत्रों ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि युद्ध विराम में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी. भारत ने सिर्फ पाक डीजीएमओ के इस अनुरोध पर सहमति जताई थी कि अगर आप रुकेंगे तो हम रुकेंगे.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार (12 मई, 2025) को एक बार फिर से क्रेडिट लेने की होड़ में दावा करते हुए कहा, "हम पाकिस्तान के साथ बहुत सारा व्यापार करने जा रहे हैं. हम भारत के साथ बहुत सारा व्यापार करने जा रहे हैं. हम अभी भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं. हम जल्द ही पाकिस्तान के साथ बातचीत करने जा रहे हैं. हमने परमाणु संघर्ष को रोका. मुझे लगता है कि यह एक बुरा परमाणु युद्ध हो सकता था. लाखों लोग मारे जा सकते थे. मैं उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो को उनके काम के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं."

अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा करते हुए कहा, "मुझे आपको यह बताते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि भारत और पाकिस्तान का नेतृत्व अडिग और शक्तिशाली था, लेकिन दोनों मामलों में अडिग - वे वास्तव में स्थिति की गंभीरता को पूरी तरह से जानने और समझने के लिए शक्ति, बुद्धि और धैर्य रखने के दृष्टिकोण से अडिग थे. हमने बहुत मदद की और हमने व्यापार में भी मदद की. मैंने कहा चलो, हम आपके साथ बहुत सारा व्यापार करने जा रहे हैं. इसे रोकते हैं. अगर आप इसे रोकेंगे तो हम व्यापार करेंगे. अगर आप इसे नहीं रोकेंगे तो हम कोई व्यापार नहीं करेंगे. लोगों ने कभी भी व्यापार का उस तरह से उपयोग नहीं किया जैसा मैंने किया. मैं आपको बता सकता हूं कि अचानक उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हमें रुकना चाहिए और उन्होंने ऐसा किया."

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